
वो सुबह से
कचरे के
ढेर खोद
रहा था,
टूटी हुई
खिड़कियों से
घरो में
घुसपैठ कर
रहा था
पर उसे
निन्ना के
लिए कोई
तोहफा ना
समझ आया
I
बड़ी सी तोफहे
की दुकान भी
होती तो
भी उसे
ना समझ
आता कि क्या
तोहफा लिया
जाये I 'ये
परेशानी से
तो दुनिया
का हर
शौहर रूबरू
है', खुद
से बतियाता
रहा और
पीछे देखते-देखते
आगे...